Internet kya hai और कैसे काम करता है ? दोस्तों एक बार फिर से आप सभी का स्वागत है Mrhinditech पर. दोस्तों आज के समय में हम सभी इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, घंटों इंटरनेट पर बिताते हैं,
चाहे वह पढ़ाई के लिए हो या किसी ऑफिस के काम के लिए या फिर मनोरंजन के लिए. लेकिन इंटरनेट का इस्तेमाल हम जरूर करते हैं, इंटरनेट की वजह से बहुत सी चीजें आसान हो जाती हैं.
पहले के जमाने में हमें किसी रिश्तेदार को मैसेज भेजना पड़ता था और इसमें काफी समय लगता था. आज के समय में हम इंटरनेट की मदद से दुनिया में किसी से भी जुड़ सकते हैं, वो भी चंद सेकेंड में.
अब वीडियो कॉल का जमाना चल रहा है, आजकल कोई एक-दूसरे को खत नहीं भेजता दोस्तों, Internet की मदद से सब कुछ संभव है.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट क्या है? इंटरनेट कैसे काम करता है? इंटरनेट कहां से आता है, इंटरनेट की शुरुआत कैसे हुई और इसका मालिक कौन है?
भारत में इंटरनेट की शुरुआत कैसे हुई. अगर आप नहीं जानते हैं तो, आज इस लेख में हम इंटरनेट से जुड़ी ये सारी बातें Details में जानेंगे, जिन्हें जानना हमारे लिए बेहद जरूरी है.
इंटरनेट क्या है – What is the Internet in Hindi
Internet को हिन्दी में अंतरजाल कहते हैं. Internet का अर्थ है Computer का अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क,
इंटरनेट का अर्थ है 2 या अधिक Computer को एक दूसरे से जोड़ना.
इंटरनेट का मतलब दुनिया में अनगिनत Computer का एक नेटवर्क है और आपको इंटरनेट पर सिर्फ एक क्लिक में सारी खबरें मिल जाती हैं.
1969 में, जब मनुष्य चाँद पर गया और अमेरिकी रक्षा कार्यालय ने एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (ARPA) को नियुक्ति कीया. तो उन्होंने 4 कंप्यूटरों का एक नेटवर्क बनाया.
जिसके जरिए उन्होंने अपने डेटा का आदान-प्रदान और साझा किया, बाद में कई विश्वविद्यालय जानकारी साझा करने के लिए इस नेटवर्क में शामिल हुए.
यह पहली शुरुआत थी बाद में इस शोध को करने के लिए इंजीनियर वैज्ञानिकों और Computer विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया.
धीरे-धीरे यह नेटवर्क निजी एजेंसियों और आम आदमी को उपलब्ध करा दिया गया. और सबसे दिलचस्प बात यह है कि कोई भी एजेंसी इंटरनेट का रखरखाव या नियंत्रण नहीं कर रही है.
भारत में पहला इंटरनेट 15 अगस्त 1995 को सरकारी कंपनी Videsh Sanchar Nigam Limited (VSNL) द्वारा शुरू किया गया था।
और धीरे-धीरे Private Service Provider जैसे की Airtel, Reliance, Sify, Tata और कई अन्य कंपनियों ने शुरू किया. WWW (World Wide Web) एक बहुत बड़ा Computer नेटवर्क है.
और इसे देखने के लिए Google Chrome, Brave, Microsoft Edge और कई अन्य ब्राउज़र आए. सभी वेबसाइटों को देखने के लिए, काफी अलग और अंतर्राष्ट्रीय पहचान URL के रूप में जाना जाने लगा जिसे Uniform Resource Locator भी कहा जाता है.
Internet का इतिहास – History of Internet
तो दोस्तों बात करते हैं इंटरनेट की शुरुआत के बारे में, इंटरनेट की शुरुआत साल 1960 में हुई थी. जिसका इस्तेमाल अमेरिका के रक्षा विभाग की जांच के लिए किया गया था.
शुरुआत में इसका नाम ARPANET रखा गया, जिसका पूरा नाम Advanced Research Projects Agency Network है. इसकी शुरुआत इसलिए की गई ताकि युद्ध के समय गोपनीय सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा सके.
भविष्य में इसकी लोकप्रियता बढ़ने लगी और लाभ देखते हुए सेना और वैज्ञानिकों ने भी इसका उपयोग करना शुरू कर दिया. और इंटरनेट की लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती चली गई और आज हर कोई इससे परिचित है.
वहीं अगर भारत में इंटरनेट की शुरुआत की बात करें तो यह साल 1995 में 15 अगस्त को की गई थी. लेकिन उस समय इसका उपयोग केवल आवश्यक सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए ही किया जाता था.
हालांकि उस समय इसकी स्पीड बहुत कम थी. हालांकि उस वक्त इसकी स्पीड बहुत कम थी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया इसमें काफी सुधार होता गया.
Internet कैसे काम करता है ?
आप अभी हमारा यह ब्लॉग पढ़ रहे हैं. आप सोच रहे होंगे कि ये सब सैटेलाइट या रेडियो तरंगों की मदद से हो रहा है तो आप गलत सोच रहे हैं. आपको बता दें कि इंटरनेट का बहुत कम हिस्सा रेडियो तरंगों में काम करता है.
बाकी पूरा इंटरनेट दुनिया भर में फैले तारों पर काम करता है. जिसे Undersea Cable और Marine Cable के नाम से जाना जाता है.
जिसमें डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है, जिससे Data Light की गति के बराबर यात्रा करता है. मान लीजिए अगर आप अपने गांव से बाहर जाना चाहते हैं, तो आप ट्रेन या बस से यात्रा करेंगे,
उसके लिए सरकार ने ट्रेन में यात्रा करने के लिए रेलवे ट्रैक और बस के लिए सड़कें बनाई हैं. इसी तरह, दुनिया भर में कई सरकारों ने संयुक्त रूप से समुद्र के नीचे कुछ ऐसे तार बिछाए हैं, जिन्हें ऑप्टिकल फाइबर कहा जाता है.
जो Optical Fiber की मदद से एक देश से दूसरे देश से जुड़ता है और बड़ी तेजी से Data Transfer करता है. लेकिन अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि इंटरनेट आपके Mobile और Computer तक कैसे पहुंचता है.
तो मैं आपको बता दूं कि Mobile टावर की मदद से इंटरनेट आपके Mobile और Computer तक पहुंच रहा है. अब आप समझ गए होंगे कि इंटरनेट कैसे काम करता है,
लेकिन आपको यह भी जानना होगा कि इंटरनेट Optical Fiber Mobile टावर तक कैसे पहुंचता है और Mobile टावर से हमारे Mobile और Computer तक कैसे पहुंचता है.
तो मैं आपको बता दूं कि ऑप्टिकल फाइबर केबल से लेकर Mobile Tower तक जमीन के नीचे से जुड़ा होता है. लेकिन अब बात यह है कि इंटरनेट हमारे Mobile और Computer तक कैसे पहुंचता है.
इसे समझने के लिए मान लीजिए कि आप कहीं जाना चाहते हैं. तो उसके लिए आपके पास वह पता होना चाहिए जहां आप जाना चाहते हैं, बिना जाने आप कहीं नहीं जा सकते.
उसी तरह इंटरनेट भी काम करता है, डेटा को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए हर Mobile, Computer या सर्वर को एक एड्रेस दिया गया है, जिसे IP address कहा जाता है।
IP address की मदद से डाटा एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है. मान लीजिए आप हमारा ब्लॉग पढ़ना चाहते हैं तो आप सबसे पहले Google में जाकर Mrhinditech सर्च करें, जैसे ही आप Google पर Mrhinditech सर्च करते हैं, Google आपको कई रिजल्ट देता है, जिसमें से आप पहले रिजल्ट पर क्लिक करते हैं.
उसके बाद मान लें कि हमारी वेबसाइट का डाटा सेंटर सिंगापुर में है. तो सबसे पहले यह कमांड आपके Mobile या Computer के पास के Mobile टावर में जाएगी.
और भारत में फैले ऑप्टिकल फाइबर के जरिए समुद्र में जाएगी और यह सिग्नल समुद्र में पड़े ऑप्टिकल फाइबर से होते हुए सिंगापुर के उसी डाटा सेंटर तक जाएगा. फिर हमारे ब्लॉग में जो भी डाटा स्टोर होगा, वह आपके Mobile या Computer पर दिखाई देगा.
Internet कहाँ से आता है?
कुछ लोगों का मानना है कि इंटरनेट वैसे ही खरीदा जाता है जैसे हम बिजली खरीदते हैं. और ब्लॉगर को हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले Mobile डेटा से पैसे मिलते हैं.
अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो मैं आपको बताना चाहूंगा कि न तो इंटरनेट खरीदा जाता है. ना ही हमारे इंटरनेट का इस्तेमाल करने से किसी को पैसे मिलते हैं.
लेकिन अब आप सोच रहे होंगे कि इंटरनेट आता कहां से है? तो जैसा कि हमने बताया कि इंटरनेट एक दूसरे से जुड़े कई कंप्यूटरों का नेटवर्क है. जो पूरी दुनिया में फैला हुआ है.
और कई Computer इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं. यह किसी भी Computer को Network और Server के माध्यम से आपस में जोड़ता है.
जब दुनिया भर के Computer एक साथ मिलकर एक नेटवर्क बनाते हैं, तो इसे ग्लोबल नेटवर्क कहा जाता है. मुझे उम्मीद है कि अब आप जान गए होंगे कि इंटरनेट कहां से आता है.
Internet के Advantages क्या होते है ?
आज के समय में हर इंसान इंटरनेट का इस्तेमाल करता है. क्योंकि Internet ने मानव जीवन को बहुत आसान बना दिया है.
इंटरनेट की मदद से हम पूरी दुनिया में एक दूसरे से जुड़ने में सक्षम हैं. कुछ साल पहले जब कोई किसी को चिट्ठी भेजता था तो कई दिन या महीने भी लग जाते थे.
लेकिन आज के समय में हम अपना संदेश E-mail और Whatsapp के जरिए किसी को भी भेज सकते हैं, वह भी चंद सेकेंड में।
अगर लोग किसी भी तरह की जानकारी जानना चाहते हैं या किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो वो गूगलकी मदद से जान सकते हैं. क्योंकि इंटरनेट के पास असीमित ज्ञान और जानकारी उपलब्ध है.
पहले जब हम कहीं बाहर जाते थे और किसी जगह का पता नहीं पता होता था तो हम किसी व्यक्ति से पूछकर पता लगाते थे.
वहीं अगर वर्तमान समय की बात करें तो लोग अपने Mobile से Google Map के जरिए बिना किसी अनजान व्यक्ति से पूछे किसी भी पते के बारे में जान सकते हैं.
इतना ही नहीं लोग गूगल मैप के जरिए यह जानकारी जान सकते हैं कि उनके पास कौन सा रेस्टोरेंट, कौन सा पेट्रोल पंप, एटीएम मौजूद है.
इंटरनेट के साथ क्या नहीं किया जा सकता है, पहले जब इंटरनेट नहीं था, लोग बैंक में लाइन में खड़े होकर अपना बैंक बैलेंस चेक करते थे.
लेकिन अब लोग अपने Mobile या Computer से Net Banking के जरिए अपना बैंक बैलेंस चेक कर सकते हैं. जब हम इंटरनेट के बारे में इतनी बातें कर रहे हैं, तो हम मनोरंजन को कैसे भूल सकते हैं?
इंटरनेट मनोरंजन के मामले में भी पीछे नहीं है. चाहे हम ऑनलाइन वीडियो देखने की बात करें या ऑनलाइन गेम खेलने की. इंटरनेट पर मनोरंजन की कोई कमी नहीं है. इंटरनेट के और भी कई फायदे हैं जिनकी चर्चा हम किसी अन्य पोस्ट में विस्तार से करेंगे.
Internet के Disadvantages क्या होते है?
जहां फायदे हैं, वहीं नुकसान भी हैं. और जब बात इंटरनेट की आती है तो इसके कई नुकसान होते हैं. हालांकि इसमें इंटरनेट का कोई दोष नहीं है. जैसा कि हमने बताया कि हम Internet पर बहुत समय बिताते हैं.
और बहुत सारे लोग इस इंटरनेट के आदी हो जाते हैं. आपको एक बात से अनजान नहीं होना चाहिए. कि जब तक हम किसी चीज पर हावी हैं, तब तक वह चीज हमारे लिए सही है.
लेकिन जब कोई चीज हम पर हावी हो जाती है तो वह बहुत गलत होती है. अगर आप इंटरनेट पर घंटों बिता रहे हैं. अगर आपको इंटरनेट से कुछ सीखने को मिल रहा है, तो यह सही है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
लेकिन लोग क्या करते हैं दिन भर Mobile पर ऑनलाइन गेम खेलते हैं, खासकर आज की पीढ़ी के बच्चे. आने वाले समय में जो बच्चे दिन भर Online Games खेलते हैं वे Distraction का शिकार हो जाते हैं.
वही अगर हम इंटरनेट के नुकसान की बात करें तो हमें इंटरनेट पर बहुत सारी जानकारी मिलती है. लेकिन बहुत सी ऐसी जानकारियां होती हैं जो फेक होती हैं. हालांकि कई लोग इससे परिचित होंगे, लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो इस बात से अनजान हैं.
आपको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि इंटरनेट पर आपकी कोई भी निजी जानकारी चोरी हो सकती है.
आजकल ऑनलाइन शॉपिंग काफी चर्चाओं में चल रही है, हम इसे कैसे भूल सकते हैं. हालांकि ऑनलाइन शॉपिंग से हम घर बैठे अपनी जरूरत की चीजें ऑर्डर कर सकते हैं.
हालांकि ज्यादातर यह पाया गया है कि ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए हमें अपनी जरूरत की चीजें मिल जाती हैं. लेकिन हम उन चीजों के लिए भी ऑर्डर लेते हैं जो हमारे किसी काम की नहीं होती हैं.
इससे हमारा बहुत सारा पैसा भी बर्बाद हो जाता है. लेकिन एक बात तो साफ है कि लोग इंटरनेट का सही और गलत इस्तेमाल करते हैं. हालांकि इसमें किसी पर कोई पाबंदी नहीं है.
तो इससे आप समझ ही गए होंगे कि इंटरनेट हमारे लिए कितना सही और गलत है. आगे फैसला आपका है कि आप कौन सा विकल्प चुनते हैं.
इंटरनेट से जुड़े तथ्य – Facts Related To Internet
- इंटरनेट को हिन्दी में अंतरजाल कहते हैं.
- Internet Undersea cables से जुड़ा है.
- औसतन हर दिन Google पर करीब 3 अरब सर्च किए जाते हैं.
- दुनिया भर में 87% लोगों ने ‘Internet of Things’ शब्द नहीं सुना है.
- ATM machine को Internet of Things ऑब्जेक्ट का पहला प्रमुख माना जाता है.
- YouTube पर हर एक मिनट में 72 घंटे का वीडियो अपलोड किया जाता है.
निष्कर्ष – Conclusion
हमें उम्मीद है कि आपको हमारे इस लेख से कुछ नया सीखने को मिला होगा. कि Internet क्या है और यह कैसे काम करता है. आपको हमारा यह छोटा सा प्रयास कैसा लगा नीचे कमेंट करके जरूर बताएं.
अगर आपको इस लेख से संबंधित कोई संदेह या सुझाव है, तो बेझिझक हमें नीचे कमेंट करके बताएं. हम आपके सवालों का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार हैं.
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